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29.3.20

क्यों सुहागरात में दूल्हे को दूध पिलाया जाता है?-Amazing Facts in Hindi

मार्च 29, 2020 0
क्यों सुहागरात में दूल्हे को दूध पिलाया जाता है?-Amazing Facts in Hindi

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1.क्यों सुहागरात में दूल्हे को दूध पिलाया जाता है?


क्यों सुहागरात में दूल्हे को दूध पिलाया जाता है?-Amazing Facts in Hindi

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शादी के बाद हर पति-पत्नी के लिए सबसे यादगार रात पहली रात होती है जिसे लोग सुहागरात कहते हैं। सुहागरात के दिन पति-पत्नी एक दूसरे को बहुत ही करीबी से जानते हैं इसलिए इसे बहुत ही खास रात माना जाता है। हमसभी देखते हैं कि सुहागरात के दिन कपल्स एक-दूसरे को दूध और पान खिलाते-पिलाते हैं।
सुहागरात के दिन केसर वाला दूध पिलाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कुछ लोगों का यह मानना है कि ऐसा इसलिए किया जाता है कि इससे शादी की सारी थकान दूर हो जाती है।

2.शादी में दूल्हे का जूता क्यों चुराया जाता है?


क्यों सुहागरात में दूल्हे को दूध पिलाया जाता है?-Amazing Facts in Hindi

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मुझे जो लगता है इस हिसाब से इसका जवाब यही हो सकता है।ये एक प्रकार की चुहल यानि मजाक वाली रस्म है । इस रस्म में मजाक सम्मान और अपनत्व का भाव है।दरअसल जूता विवाह में दूल्हे के सम्मान प्रतीक होता है और सालियां इसको चुराकर इसमें प्यारभरा हक जताती है। इस सम्मान जनक वस्तु को वापस करने के एवज में शगुन मांगती है। वही दुल्हे के परिजन इसकी हिफाजत करके इस सम्मान को अपने हक में रखने का प्रयास करते हैं।
अंत में छोटी मोटी बहस के साथ ये परम्परा निभाई जाती है। हमारे यहाँ तो जब जूता वापस करने के बाद साले उसे ससम्मान अपने हाथों से जीजा को पहनाते है।

3.शादियों में दूल्हे के लिए घोड़ी ही क्यों मंगाई जाती है घोडा क्यों नहीं ?


शादी वाले दिन घोड़ी पर बैठकर दूल्हा, अपनी दुल्हन को लाने जाता है। ये तो हम जानते भी हैं और बारात में खूब धमाचौकड़ी मचाकर वेन्यू पर पहुंचते भी हैं। लेकिन ये नहीं सोचते कि दूल्हा, घोड़ी पर ही क्यों बैठता है।
दुनिया में बहुत से जानवर हैं, कोई भी अपनी च्वॉइस के जानवर पर बैठ सकता है लेकिन फिर सिर्फ घोड़ी का चयन ही क्यों किया गया? चलिए इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते हैं।
घोड़े को वीरता और शौर्य का प्रतीक माना गया है, वहीं घोड़ी को उत्पत्ति का कारक करार दिया गया है।
क्यों सुहागरात में दूल्हे को दूध पिलाया जाता है?-Amazing Facts in Hindi

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पौराणिक काल में घोड़ों पर बैठकर युद्ध लड़ने का चलन था। श्रीराम और भगवान कृष्ण भी अपने विवाह वाले दिन घोड़े पर ही आए थे। शायद यही वजह है कि दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर नए जीवन की शुरुआत की ओर कदम बढ़ाने की परंपरा ने अस्तित्व लिया।
पुराणों के अनुसार जब सूर्य देव की चार संतानों, यम, यमी, तपती और शनि देव का जन्म हुआ उस समय सूर्यदेव की पत्नी रूपा ने घोड़ी का ही रूप धरा था। शायद तभी से घोड़ी को उत्पत्ति का कारक माना जाने लगा।
एक अन्य मान्यता के अनुसार घोड़ी बुद्धिमान, चतुर और दक्ष होती है। उसे सिर्फ स्वस्थ और योग्य व्यक्ति ही नियंत्रित कर सकता है। दूल्हे का घोड़ी पर आना इस बात का प्रतीक है कि घोड़ी की बागडोर संभालने वाला पुरुष, अपने परिवार और पत्नी की बागडोर भी अच्छे से संभाल सकता है।

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17.2.20

लड़कियाँ ब्रा क्यों पहनती है?

फ़रवरी 17, 2020 1
लड़कियाँ ब्रा क्यों पहनती है?
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1.महिला के लिए ब्रा पहनना क्यों जरुरी होता है?

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ब्रा एक अंडर गारमेंट है जिसे महिलाएं स्तनों का आकार सही रखने के लिए पहनती है। अंडरवियर की तरह ब्रा भी एक महत्वपूर्ण अंडर गारमेंट होता है जिसके बिना कपड़ों की फिटिंग अच्छी नहीं आती है।
ब्रा पहनने से महिलाओं को चलने-फिरने, घूमने, दौड़ने और एक्सरसाइज आदि करने में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। ब्रा पहनने के मुख्य मकसद स्तनों को सहारा देना होता है इसलिए महिलाओं को अपने स्तनों के आकार के हिसाब से सही साइज की ब्रा चुननी चाहिए।
स्पोर्ट्स ब्रा इतनी आरामदायक होती है कि स्तनों को सहारा देने के लिए सर्जरी के बाद भी आप इसे पहन सकते हैं। शिशु को जन्म देने के बाद भी महिलाएं स्पोर्ट्स ब्रा पहन सकती है जो कि स्तनों को आराम देती है। स्तनों को सहारा देकर कॉस्मेटिक सर्जरी या चोट लगने के बाद स्तनों को ठीक करने में स्पोर्ट्स ब्रा मदद करती है।

2.ब्रा पहनने का वैज्ञानिक कारण क्या है?

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इस लेख में शायद ऐसे कुछ शब्द हो सकते हैं जो सुनने में अटपटे लगें पर वो सभी शब्द सही हैं और सभी तथ्य रिसर्च करने के बाद ही लिखें गये हैं।

अगर आप एक महिला है तभी आप ब्रा का महत्त्व समझ पाएंगी। क्योंकि हम पुरुषों को इसका कोई महत्त्व समझ नहीं आता। पर ऐसा नहीं है। मैंने ऐसे ही एक दिन इस पर थोड़ा सर्च किया (गूगल पर)।
फिर मुझे कुछ लेख मिले जहाँ पर ब्रा पहनने के कुछ अच्छे और वैज्ञानिक तथ्य दिए गए थे उन्हें ही मैं आपके साथ साझा कर रहा हूँ।

पहला कारण : आत्मविश्वास बढ़ाता है

जी हाँ ! ये महिलाओ के आत्मविश्वास बढ़ाने में काफी मदद करता है। क्योंकि जब भी कोई स्त्री बाहर निकलती है तो उसे अपने कपड़ो को सही ढंग से रखना होता है अन्यथा आज कल के पुरुष उसका वीडियो बनाना कभी नहीं भूलते।

दूसरा कारण : सही आकार मिलता है

ये भी सही है क्योंकि प्रत्येक स्त्री यही चाहती है कि उसके स्तनों का आकार हमेशा सही रहे। अगर कोई लड़की यौवन अवस्था से ही ब्रा का प्रयोग नहीं करेगी तो उसके स्तनों का आकार आवश्कता से अधिक बढ़ जाते है व उनके आकार भी बिगड़ जाते है। इसलिए डॉक्टर भी ब्रा पहनने की सलाह देते हैं।

तीसरा कारण : सुरक्षा प्रदान करता है

कभी कभी किसी कारण महिलाओ के वस्त्र अपनी जगह से थोड़े से हट जाते हैं जिस से उन्हें कभी कभी शर्मिंदा होना पड़ जाता है। इसलिए अगर वे अंदर से ब्रा पहने रहती है तो उन्हें डरने की कोई चिंता नहीं रहती।
शायद मैं गलत भी हो सकता हूँ कृपया मुझे कमेंट में सही सलाह दीजिएगा। मैं उसे अपने उत्तर में जोड़ कर दूंगा।

3.महिलाएं ब्रा नहीं पहनने की मुहिम क्यों चला रही हैं?

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हिंदुस्तानी समाज में महिलाओं के सिर पर पल्लू और सीने को आंचल से छुपा कर रखना उनकी शराफ़त माना जाता है।
बच्चियों की उम्र बढ़ने के साथ ही उन्हें अहसास कराया जाने लगता है कि वो लड़की हैं, उनमें सेक्शुअल अपील है. मर्दों की नज़रों से बचने के लिए लड़कियों को अपना शरीर ढककर रखना चाहिए।
महिलाओं के संदर्भ में लगभग सारी दुनिया में कमोबेश यही सूरतेहाल है।
सभी समाज पुरुष प्रधान हैं, लिहाज़ा उन्होंने महिला विरोधी क़ानून ही बनाए।यहां तक कि मर्दों ने ये भी तय कर दिया कि औरतें क्या लिबास पहनें।लेकिन अब औरतें अपनी आज़ादी के लिए आवाज़ उठा रही हैं।इस कड़ी में एक नई मुहिम छिड़ी है, 'नो ब्रा मूवमेंट'
दक्षिण कोरिया में इन दिनों हैशटैग #NoBra नाम की मुहिम सोशल मीडिया पर ख़ूब सुर्खियां बटोर रही है। महिलाएं बिना ब्रा के कपड़े पहनकर अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर रही हैं।
इस मुहिम की शुरुआत आख़िर क्यों और कहां से हुई?
दक्षिण कोरिया की महिलाएं इन दिनों अपनी ऐसी तस्वीरें ऑनलाइन शेयर कर रही हैं, जिसमें उन्होंने ब्रा नहीं पहन रखी होती है।#NoBra हैशटैग बहुत बड़ा सोशल मीडिया अभियान बन गया है।
इसकी शुरुआत, दक्षिण कोरिया की गायिका और अभिनेत्री सुली के अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बग़ैर ब्रा वाली तस्वीर शेयर करने से हुई।

4.लड़कियां क्यों शर्माती हैं?

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वैसे तो आपका प्रश्न सिर्फ लडकियां ही दे सकती है किन्तु आपके पश्न में त्रुटि है | लड़के भी तो शर्माते है चूकि आपका प्रश्न अलग है तो मुद्दे पर आते है | लडकियां बहुत शालीन होती है और बहुत व्यवहारिक नहीं होने की वजह से संकुचित सी रहती है | डरी सहमी मासूम होना भी वजह है कि वो शर्माती है!



15.2.20

मृत शरीर पानी में क्यों तैरता है? Amazing Facts in Hindi

फ़रवरी 15, 2020 0
मृत शरीर पानी में क्यों तैरता है? Amazing Facts in Hindi

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मृत शरीर पानी में क्यों तैरता है?

किसी भी वस्तु का पानी पर तैरना उसके विशिष्ट गुरुत्व (Specific gravity) पर निर्भर है। पानी का विशिष्ट गुरुत्व 1.000 है। जिस वस्तु का विशिष्ट गुरुत्व पानी से अधिक होगा वो पानी में डूब जायेगी।
जब इंसान पानी में तैरता है और सामान्य रूप से सांस लेता है या उसके फेफड़ों में हवा रहती है तब उसके शरीर का विशिष्ट गुरुत्व पानी से कम (around 0.985) होता है और वह नहीं डूबता।
यदि वह पानी में डूबने लगता है तब उसके फेफड़ों में पानी भरने लगता है और इस अवस्था में उसके शरीर का विशिष्ट गुरुत्व पानी से ज्यादा (around 1.026) हो जाता है और वह डूब जाता है।

जब इंसान पानी में डूब जाता है और उसकी मृत्यु हो जाती है तब उसके शरीर में जीवाणु बढ़ने (Bacterial proliferation) लगते हैं और शरीर को गलाने (Decomposition) लगते हैं। इस अवस्था में शरीर के अंदर ऊतकों में और पेट की आंतों में गैस बनने लगती है। इस अवस्था में शरीर फूल जाता है, शरीर का विशिष्ट गुरुत्व भी पानी से कम हो जाता है और शरीर पानी में तैरने लगता है।



हम पानी में सांस क्यों नहीं ले पाते हैं, जबकि पानी में भी ऑक्सीजन होता है?

  • पानी मे घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा केवल 0.001 ℅ होती है जबकि हम जो स्वास लेते है उस हवा में लगभग 21 % होती है।
  • हमारे फेफड़े (Lungs) हवा के द्वारा स्वास लेने के लिये बने है पानी में नहीं
बस यही मुख्य दो कारण है जिसके कारण पानी मे स्वास नही ले सकते है।

हवा कैसे चलती हैAmazing Facts in Hindi

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हवा कैसे चलती है, और क्यों?

तापमान के अलावा भौगोलिक स्थिति, पहाड़, धरती के अपने अक्ष पर घूमने आदि से भी हवा की चाल प्रभावित होती है। धरती के पश्चिम से पूर्व की तरफ घूमने के कारण पछुआ हवाएं चलती हैं।
आपने खुले वातावरण में हवा के झोंके तो अनुभव किए ही होंगे। गर्मी के मौसम में तो हवा का चलना बहुत अच्छा लगता है लेकिन क्या आपको पता है कि हवा के ये झोंके कैसे बनते हैं या हवा कैसे चलती है? चलिए आज इसी बारे में बात करते हैं।
यह तो आप जानते ही हो कि जब सूरज की धूप धरती पर पड़ती है तो वहां की जमीन और हवा गर्म होने लगती है। तापमान बढ़ने से ऐसी जगहों पर हवा फैलने लगती है और उसका घनत्व भी कम हो जाता है।
गर्म हवा ठंडी हवा के मुकाबले हल्की होती है इसलिए वह ऊपर की तरफ उठने लगती है। इस स्थिति में ऐसे स्थानों की वायु का दबाव कम हो जाता है।
यह एक तरह का 'खालीपन' होता है, जिसे भरने के लिए अधिक दबाव वाले यानी ठंडे स्थानों से हवा आने लगती है। भले ही कई बार ऐसी हवाओं का 'ठंडापन' हमें महसूस नहीं हो पाता हो लेकिन असल में यह हवा अपेक्षाकृत ठंडी व भारी ही होती है।
हवा कैसे चलती हैAmazing Facts in Hindi

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गर्म वातावरण में आने से कुछ समय बाद यह हवा भी गर्म होकर ऊपर उठने लगती है। बस, तापमान में आए इस बदलाव के कारण ही हवाओं का यह आना-जाना लगा रहता है। जिसे हम हवा का चलना या बहना कहते हैं।
धरती का आकार गोल होने के कारण इस पर हर जगह सूरज की किरणें बराबर नहीं पड़तीं। धरती पर सूरज के सामने रहने वाले भाग में तो किरणें सीधी पड़ती हैं, लेकिन अन्य भागों में ये किरणें तिरछी पड़ती हैं|
ऐसे में जहां किरणें सीधी पड़ती हैं वह भाग तो ज्यादा गर्म हो जाता है लेकिन दूसरे हिस्से अपेक्षाकृत कुछ कम गर्म होते हैं या कहें कि कुछ ठंडे रह जाते हैं।
अलग-अलग तापमान वाले इन इलाकों से हवा को गति मिलती है। समुद्र के नजदीक भी ऐसा ही होता है, क्योंकि पानी जमीन की तुलना में देर से ठंडा या गर्म होता है।
हवा कैसे चलती हैAmazing Facts in Hindi

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समुद्र के पास वाली जगहों में दिन के समय सूरज की गर्मी से जमीन गर्म हो जाती है। जिससे हवा हल्की होकर ऊपर उठने लगती है और उसकी जगह लेने के लिए समुद्र के पानी के संपर्क से ठंडी रहने वाली हवा जमीन की तरफ आने लगती है।
रात के समय यह सारी प्रक्रिया बिल्कुल उलट जाती है यानी जमीन समुद्र के पानी के मुकाबले ज्यादा ठंडी होने लगती है जिससे हवा भी जमीन से समुद्र की तरफ चलने लगती है।
तापमान के अलावा भौगोलिक स्थिति, पहाड़, धरती के अपने अक्ष पर घूमने आदि से भी हवा की चाल प्रभावित होती है। धरती के पश्चिम से पूर्व की तरफ घूमने के कारण पछुआ हवाएं चलती हैं। इसी तरह, उत्तरी गोलार्द्ध में दाईं तरफ व दक्षिणी गोलार्द्ध में बाईं तरफ चलती हैं।

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13.2.20

हिंदू धर्म में जलती हुई लाश के सीर को डंडे से क्यों फोड़ा जाता है?

फ़रवरी 13, 2020 0
हिंदू धर्म में जलती हुई लाश के सीर को डंडे से क्यों फोड़ा जाता है?

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हिंदू धर्म में जलती हुई लाश के सीर को डंडे से क्यों फोड़ा जाता है?

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हिंदू धर्म में जलती हुई लाश के सीर को डंडे से क्यों फोड़ा जाता है?

हिंदू रीति-रिवाज में जन्‍म से लेकर मुत्‍यु तक 16 संस्‍कार होते हैं।
 जिसमें से दाह संस्‍कार को हिंदू धर्म में अंतिम संस्‍कार कहा जाता है। अंतिम संस्‍कार के दौरान एक मृत शरीर को जलाकर इस दुनिया से विदा किया जाता है।
 अंतिम संस्‍कार के दौरान भी कई तरह की रस्‍मों की अदायगी की जाती है जैसे सिर मुंडवाना, मृत शरीर के चारों तरफ चक्‍कर लगाना और जलती चिता में से लाश की सिर को डंडे से फोड़ना। जी हां, हम में से कई लोग तो इस रस्‍म या विधि के बारे में तो जानते ही नहीं होंगे।
 इस रस्‍म के पीछे भी एक तर्क है जिसके बारे में हम आज जानेंगे कि क्‍यों हिंदू धर्म में जलती चिता में से खोपड़ी या सिर को डंडा से तोड़ा जाता है
 शास्‍त्रों के अनुसार एक मनुष्‍य के शरीर में 11 द्वार होते हैं।
 माना जाता है कि आत्‍मा या जिव बह्मरंध्र (मस्तिष्‍क के द्वार ) से शरीर में प्रवेश करती है। 
जिवा या आत्मा आपके कर्मों के आधार पर इन दरवाजों के माध्यम से शरीर से निकलती है। ब्रह्म रंध्र को शरीर में मौजूद 11 द्वार में से उच्‍च माना गया है।
ऐसा माना जाता है कि जो जिव या आत्‍मा सिर से निकलती है वह मोक्ष प्राप्त करके जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाती है। इस विधि को 'कपाला मोक्षम' भी कहा जाता है।
 हालांकि ये विधि गुरु के मार्गदर्शन के बिना हासिल करना एक कठिन काम है। इसलिए मृतक के रिश्तेदारों मृत शरीर का सिर या तो कपाली पर डंडे से मारते हैं।
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 क्‍यों तीन बार मारा जाता है डंडा?

 ये एक तरह का रस्‍म है, एक बार जब चिता जल जाती है तो तब कर्ता ( मुखाग्नि देने वाला ) बांस के डंडे से मृत व्‍यक्ति की खोपड़ी पर 3 बार मारता है।
 क्‍योंकि एक बार में वो आसानी से नहीं टूटती है इसल‍िए 3 बार मारते हैं। जब वो खोपड़ी या कपाली को डंडे से मारकर तोड़ते है तो चिता की गर्मी की वजह से खोपड़ी जल्‍दी टूट जाती है। आत्‍मा का दुरपयोग होने से बचाने के ल‍िए इसके अलावा एक तर्क ये भी दिया जाता है कि जब कोई मर जाता है।
तो सिर को डंडे से मारकर इसल‍िए फोड़ा जाता है!
 वरना जो तंत्र विद्या वाले लोग होते हैं वो व्‍यक्ति के मरने के बाद उसके सिर के फिराक में रहते हैं ताकि इससे वो उसका दुरपयोग कर सके साथ में यह भी कहा जाता है कि इस सिर के द्वारा तांत्रिक उस व्‍यक्ति को अपने कब्‍जे में कर सकता है और उसके आत्‍मा से गलत काम करवा सकता है।

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 क्‍या होता है आत्‍मा का?
 शास्‍त्रों में ल‍िखा है कि शरीर मरता है आत्‍मा कभी नहीं मरती। किसी व्‍यक्ति के मरने के बाद आत्‍मा तुरंत किसी अन्‍य गर्भ में प्रवेश कर लेती है। कहते है कि जब कोई आत्‍मा शरीर को छोड़ती है तो वो पूरी तरह धरती को छोड़ नहीं पाती है। कुछ दिन वो अपने प्रियजनों के पास रहती है जब तक कि स्‍वर्ग में अच्‍छी तरह से बस नहीं जाता है।
Source:Dailyhunt