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25.8.20

जानिये क्यों मनाया जाता है दिवाली का पर्व, प्रचलित हैं ये तीन पौराणिक कथाएं!

अगस्त 25, 2020 0
जानिये क्यों मनाया जाता है दिवाली का पर्व, प्रचलित हैं ये तीन पौराणिक कथाएं!

Happy Diwali 2020

Happy Diwali 2020
Happy Diwali

Diwali 2020कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. पूरे देश में इसे प्रकाश और रोशनी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है. दिवाली दरअसल एक दिन का नहीं, बल्कि 5 दिनों का त्योहार है. धनतेरस से ही इस त्योहार की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस, नरक चतुदर्शी, अमास्या, शुक्ल प्रतिपदा और भाई दूज तक दिवाली का त्योहार मनाया जाता है.

दीप जलाते, पटाखे फोटते या एक दूसरे से त्यौहार मिलते वक्त अक्सर हमें ख्याल आता है कि आखिर दिवाली क्यों मनाई जाती है? इसका महत्व क्या है और क्या है इसके पीछे की कहानी? हम आपको बताने जा रहे हैं दिवाली के बारे में कुछ रोचक बातें और प्रचलित कहानियां.

जानिये क्यों मनाया जाता है दिवाली का पर्व, प्रचलित हैं ये तीन पौराणिक कथाएं


कथा-1ः
भगवान राम जब रावण को मारकर अयोध्या नगरी वापस आए तब नगरवासियों ने अयोध्या को साफ-सुथरा करके रात को दीपों की ज्योति से दुल्हन की तरह जगमगा दिया था. तब से आज तक यह परंपरा रही है कि कार्तिक अमावस्या के गहन अंधकार को दूर करने के लिए रोशनी के दीप प्रज्वलित किए जाते हैं.
Happy Diwali 2020
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कथा-2ः
जब देवताओं और राक्षसोंं द्वारा समुद्र मंथन चल रहा था तब कार्तिक अमावस्या पर देवी लक्ष्मी क्षीर सागर (दूध का लौकिक सागर) से ब्रह्माण्ड मे आई थी. तभी से माता लक्ष्मी के जन्मदिन की उपलक्ष्य मे दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है.
कथा-3ः
दिवाली के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी मनाते हैं क्योंकि भगवान श्री कृष्ण ने इस दिन नरकासुर का वध किया था. नरकासुर एक पापी राजा था, यह अपने शक्ति के बल से देवताओं पर अत्याचार करता था और अधर्म करता था. उसने सोलह हजार कन्याओं को बंदी बनाकर रखा था. इसलिए भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया. बुराई पर सत्य की जीत पर लोगोंं ने अगले दिन उल्लास के साथ दीपक जलाकर दीपावली का त्यौहार मनाया.
Happy Diwali 2020
Happy Diwali
लक्ष्मी जी को धन की देवी और गणेश भगवान बुद्धि के देवता हैं. इस दिन इनके पूजन से बुद्धि और धन की प्राप्ति होती है क्योंकि बुद्धि के बिना धन का कोई महत्व नहीं होता. इसीलिए कहा जाता है कि मां लक्ष्मी के घर आने के बाद अगर बुद्धि का उपयोग नहीं किया जाए तो लक्ष्मी जी को रोक पाना मुश्किल हो जाता है.
इसीलिए दीवाली की शाम को मां लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश जी की प्रतिमा रखकर दोनों की साथ में पूजा की जाती है. इस दिवाली आप भी भगवान गणेश और मां लक्ष्मी जी की विधिवत पूजा करके अपने घर में धन, बुद्धि और यश का वास करवा सकते हैं.

27.3.20

Waxing of COVID-19 in HIndi

मार्च 27, 2020 0
Waxing of COVID-19 in HIndi

Waxing of COVID-19 in Hindi

दुनिया भर में विभिन्न समूहों के बहुत सारे संभावित COVID-19 टीकों पर काम कर रहे हैं। कोरोना वायरस का उपाय खोजने में वैज्ञानिक को इतना समय इसलिए लग रहा है क्योंकि यह एक नया वायरस है, जहां हर कोई अनुभवहीन है, जबकि वैज्ञानिक इस बात पर आकर्षित हो सकते हैं कि हम अन्य वायरस के बारे में क्या जानते हैं, कई मायनों में वे खरोंच से शुरू कर रहे हैं।
waxing of covid 19

वायरल संक्रमण अक्सर बैक्टीरिया के संक्रमण से ठीक करने के लिए कठिन होते हैं क्योंकि आप उन्हें एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज नहीं कर सकते हैं, हालांकि कुछ संक्रमणों के लिए एंटीवायरल दवाएं उपलब्ध हैं।
उपचार का उपयोग आपके संक्रमण के लक्षणों को कम करने के लिए किया जा सकता है, जबकि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस से लड़ रही है।

इसके विपरीत, पहले लोगों को संक्रमित होने से बचाने के लिए टीके डिजाइन किए गए हैं। वे संक्रमण की नकल करके ऐसा करते हैं, ताकि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उस विशेष संक्रमण से लड़ सके और भविष्य में इसे प्राप्त करने से बचा सके।

यहां हम जानते हैं कि हमारे शरीर COVID-19 से कैसे निपटते हैं, और इसे ठीक करने के लिए पाइपलाइन में क्या है।
waxing of covid 19

आइये जानते है कैसे आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली COVID -19 से कैसे लड़ती है?

ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने पाया है कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली इस कोरोनोवायरस को उसी तरह से प्रतिक्रिया देती है जैसे कि इन्फ्लूएंजा।

रोगियों में COVID-19 से ठीक होने से पहले जो प्रतिरक्षा कोशिकाएं रक्त में उभरती हैं, वही कोशिकाएं हैं जो हम फ्लू से ठीक होने से पहले लोगों में देखते हैं। पीटर डोहर्टी इंस्टीट्यूट फॉर इंफेक्शन एंड इम्युनिटी के शोधकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया के पहले मरीजों में से एक COVID -19 के निदान वाले कई रक्त नमूनों को देखकर यह काम करने में सक्षम थे।

महत्वपूर्ण रूप से, नेचर मेडिसिन में प्रकाशित शोध "पहला पेपर है जो दिखाता है कि शरीर प्रतिरक्षा प्रदान कर सकता है और वापस लड़ सकता है और ठीक हो सकता है", शोधकर्ता कैरोलिन वैन डी सैंड्ट ने कहा।

इसने शोधकर्ताओं को यह सटीक अनुमान लगाने की भी अनुमति दी कि रोगी को COVID-19 से उबरने में कितना समय लगेगा। लेकिन अभी भी यह बताना जल्दबाजी होगी कि क्या कॉरोनोवायरस को एक बार अनुबंधित करने से आपको दोबारा इसे रोकने के लिए प्रतिरक्षा मिलेगी।
waxing of covid 19

हालांकि शोध COVID-19 से निपटने के लिए एक वैक्सीन और अन्य उपचारों के विकास में भी मदद कर सकता है।

संकेत आशाजनक हैं, इस सप्ताह ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं के बाद पता चला कि वे COVID-19 के लिए एक संभावित उपचार के नैदानिक ​​परीक्षण शुरू करने के लिए तैयार हैं - दो मौजूदा दवाओं का उपयोग कर। विचाराधीन दवाएं एचआईवी की एक पुरानी दवा है और क्लोरोक्वीन नामक एक मलेरिया-रोधी दवा है, जिसका उपयोग शायद ही कभी किया जाता है क्योंकि मलेरिया रोगज़नक़ इसके लिए प्रतिरोधी बन गया है।

इस शोध का अगला चरण एचआईवी, मलेरिया की दवा और दोनों के संयोजन से तुलना करना है कि यह देखने के लिए कि क्या उपचार सबसे प्रभावी है।

दुनिया भर में, चीनी डॉक्टर दो एचआईवी दवाओं, लोपिनवीर और रटनवीर के संयोजन की प्रभावशीलता को देखते हुए नैदानिक ​​परीक्षण पूरा कर रहे हैं, वे जल्द ही रेमेडिसविर नामक दवा का परीक्षण भी शुरू करने वाले हैं जिसे मूल रूप से इबोला के लिए विकसित किया गया था।

वैक्सीन को इतनी जल्दी क्लिनिकल ट्रायल में लाया जा सका क्योंकि शोधकर्ता पहले से ही एक वैक्सीन पर काम कर रहे थे ताकि दूसरे कोरोनावायरस से बचाव हो सके, जिससे मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) होता है।

और शायद जल्द ही इसका कोई न कोई समाधान निकल जायेगा।

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क्यों बिना बताये 2017 में इंडिया से चीन लेकर गए थे चमगादड़ वुहान के शोधकर्ता!

मार्च 27, 2020 0
क्यों बिना बताये 2017 में इंडिया से चीन लेकर गए थे चमगादड़ वुहान के शोधकर्ता!

Coronavirus in India

क्यों बिना बताये 2017 में इंडिया से चीन लेकर गए थे चमगादड़ वुहान के शोधकर्ता!
-2017 में नागालेंड से वुहान इंस्टीट्युट यह वायरस चीन लेकर गया था, और फिर वहां से "जाने अनजाने" में यह पूरी दुनिया में फैला।

-कोरोना के फैलने का एक परिणाम यह है कि, इससे अमेरिका-चीन का युद्ध लगभग 2–3 वर्ष से आगे बढ़ गया है।

Coronavirus in India

-द हिन्दू ने रिपोर्ट किया है कि, 2017 में वुहान इंस्टीट्युट, टाटा इंस्टीट्युट ऑफ़ रिसर्च एवं मेलिंडा फाउन्डेशन ने मिलकर नागालेंड के चमगादड़ो पर एक रिसर्च की थी। रिसर्च का विषय था - चमगादड़ इबोला, सार्स, रैबीज आदि वायरस के वाहक कैसे है और चमगादड़ो की घनी आबादी के बावजूद नागालेंड में इन वायरस जनित रोगों का इतिहास क्यों नहीं रहा है !!


उन्होंने इसके लिए चमगादड़ो को पकड़ने वाले लोगो के खून के नमूने भी लिए और वे अपने साथ में कई चमगादड़ भी साथ में ले गए। 2019 में मेलिंडा फाउन्डेशन ने इस बारे में किये गए अध्ययनों को प्रकाशित किया। कोरोना सार्स का ही एक वर्जन है।

Filovirus-reactive antibodies in humans and bats in Northeast India imply zoonotic spillover

भारत सरकार ने अब इस अध्ययन पर जाँच बैठाई है कि बिना अनुमति के ये लोग भारत से चमगादड़ कैसे लेकर गए !!
Coronavirus in India

तो यह बात साफ़ है कि वुहान रिसर्च इंस्टीट्युट नागालेंड से ले जाए गए चमगादड़ो पर सार्स, इबोला, कोरोना आदि वायरसो से सम्बंधित रिसर्च कर रहा था। इस प्रकरण में कुछ भी संदिग्ध नहीं है, क्योंकि बीमारियों पर रिसर्च करने वाले विभिन्न संस्थान एवं फार्मास्युटिकल कम्पनियां इस तरह के शोध करती रहती है। यहाँ गड़बड़ सिर्फ इतनी है कि, वे भारत में आकर ये चमगादड़ लेकर चले गये और सरकार अब जांच कर रही है कि वे लोग किसकी परमिशन से चमगादड़ लेकर गए थे !!

वुहान इंस्टीट्युट से यह वायरस कैसे फैला, इसे लेकर 2 औचित्यपूर्ण आकलन है :

वुहान के करीब एक मांस मंडी है, और ज्यादातर प्राथमिक रोगी इस इलाके के आस पास से थे। तो यह माना जा रहा है कि चमगादड़ के सूप वगेरह से यह वायरस मानव शरीर में चला गया और फिर फैलने लगा। कोरोना का वाहक ये चमगादड़ वहां कैसे आये इस बारे में पक्के तौर पर कुछ पता नहीं।

वुहान इंस्टीट्युट के 2 शोधार्थी भी कोरोना से ग्रस्त हुए है, अत: यह सम्भावना है कि शोध के दौरान ये लोग इससे संक्रमित हो गए हो और फिर उनसे यह अन्य में फ़ैल गया हो।

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Coronavirus in India
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(2) अब इसमें एक तीसरी सम्भावना भी है, जो कि कन्स्पेरेसी थ्योरी होने और न होने की बॉर्डर लाइन पर खड़ी है !!

2.1. कुछ लोगो का मानना है कि चाइना ने इसे लैब में डेवलप किया और यह एक जैविक हथियार है।

मेरे मानने में ऐसा होना बहुत दूर की कौड़ी है। इस तरह के वायरस को लैब में नहीं बनाया जा सकता। वैसे यह मान्यता वाली बात है, अत: जिसे जो मानना है, मान सकता है। मान्यताएं रखने के लिए कोई सबूत की जरूरत तो होती नहीं है। यह सब तर्क पर चलता है।

2.2. यह भी कहा जा रहा है कि, यह प्रकृति जन्य वायरस है और सुरक्षा मानक कमजोर होने के कारण वुहान की लैब से लीक हो गया है। किन्तु चीन का दावा है कि वुहान इंस्टीट्युट की लेब के सुरक्षा मानक Level 4 के है, और वहां से वायरस का इस तरह लीक होना मुमकिन नहीं है।

2.3. एक वर्जन यह है कि, यह प्रकृति जन्य वायरस है, और चीन ने इसे वुहान लेब से जानबूझकर फैलाया है !!

यदि चीन ने ऐसा किया है तो मेरे विचार में इसके पीछे वजह पैसा या जैविक हथियार होना नहीं है। इसकी वजह युद्ध हो सकती है।

दरअसल, अमेरिका-ब्रिटेन के धनिकों ने पिछले 6 साल से युद्ध की जितनी तैयारी की है, वह सब मिट्टी हो गयी है। मतलब कम से कम अगले 2–3 वर्षो तक अब अमेरिका-ब्रिटेन को युद्ध की दिशा में काम करने की फुर्सत नहीं मिलेगी, और उन्हें अब इसे फिर जीरो से शुरू करना होगा। भारत में भी CAA+NRC पर किया गया सारा निवेश कचरा हो चुका है।

यह तय है कि कोरोना दुनिया के प्रत्येक इंसान को संक्रमित करेगा। इसके रोगी को ठीक होने में कम से कम 20 दिन लगते है, और तब तक उसे होस्पिटल में ही रहना होता है। मतलब पूरी दुनिया के देशो को बड़े पैमाने पर चिकित्सीय उपकरणों के निर्माण एवं आपूर्ति में निवेश करने की जरूरत है। GE और टेस्ला तक सहयोग देने के लिए वेंटिलेटर बनाने की बात कह रहे है !! 50 वर्ष से कम आयुवर्ग के लोगो को यह नुकसान नहीं देता, लेकिन बुजुर्ग व्यक्तियों में मृत्यु का अनुपात ऊँचा रहेगा।

यदि इसकी वैक्सीन या टेबलेट खोज ली जाती है तब भी हालात सामान्य होने में 2 से 3 वर्ष खप जायेंगे, और यदि वैक्सीन / टेबलेट नहीं बन पाती है तब Herd Immunity एक मात्र इलाज है। मलतब तब मामला और भी लम्बा खींचेगा।

युद्ध से बचने के लिए क्या चीन ने कोरोना खुद फैलाया है ?

इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। वक्त गुजरने के साथ शायद और भी सूचनाएं सामने आये जिससे तस्वीर और साफ़ हो।

लेकिन जिस स्तर का युद्ध चीन को अमेरिका से लड़ना है उसे टालने के लिए यदि चीन को अपने 2-4 लाख वृद्ध / अधेड़ व्यक्तियों की कुर्बानी देनी पड़ती है तो यह बहुत छोटी कीमत है। और इसीलिए चीन को युद्ध और कोरोना में से एक चुनना हो तो चीन कोरोना चुनेगा। क्योंकि युद्ध में चीन पूरी तरह से ख़त्म हो जाएगा, और दक्षिण एशिया के अन्य देश भी इस तबाही की चपेट में आयेंगे !!

अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी लेकिन इतना तय है कि कोरोना में सिर्फ चिकित्सीय आयाम नहीं है। यह वैश्विक राजनीती को बहुत गहराई तक जाकर प्रभावित करने वाला है। कोरोना जैसा वायरस अमेरिका-ब्रिटेन-फ़्रांस आदि को चीन की तुलना में कई गुना ज्यादा नुकसान पहुंचाएगा। क्योंकि अमेरिका-ब्रिटेन-फ़्रांस की प्रशासनिक व्यवस्था कोरोना जैसी चुनौती से निपटने में चीन के मुकाबले पिछड़ी हुयी है !! और शायद जल्दी ही यह बात निकलकर सामने आ जायेगी !
Source:Qoura

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19.3.20

दुनिया का सबसे महंगा फ़ोन-Most Expensive Mobile in the World

मार्च 19, 2020 0
दुनिया का सबसे महंगा फ़ोन-Most Expensive Mobile in the World

दुनिया का सबसे महंगा फ़ोन-Most Expensive Mobile in the World

327 करोड़ रुपए है इस फोन की कीमत, जानें इसमें क्या है खास...

आईफोन 7 के बारे में इंटरनेट पर अभी से खबरें आने लगी हैं। ये कंपनी का अभी तक का सबसे हाईटेक फोन होगा

दुनिया का सबसे महंगा फ़ोन-Most Expensive Mobile in the World



आईफोन 7 के बारे में इंटरनेट पर अभी से खबरें आने लगी हैं। ये कंपनी का अभी तक का सबसे हाईटेक फोन होगा। आईफोन को सबसे महंगे स्मार्टफोन्स में माना जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे महंगा फोन 300 करोड़ से भी ज्यादा का है। इस फोन का नाम है falcon supernova pink diamond iphone 6. ये फोन 2014 में कंपनी ने लॉन्च किया था। इसके साथ कई गैजेट्स लॉन्च हुए थे। हालांकि, अब आप इस फोन को खरीद नहीं पाएंगे। इस फोन का प्रोडक्शन आईफोन 6S की लॉन्चिंग से पहले ही बंद हो गया था।
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किसने बनाया-

अमेरिकी लग्जरी ब्रैंड फैल्कॉन अपने प्रीमियम गैजेट्स के लिए फेमस है। इस कंपनी ने 3 लाख डॉलर के हेडफोन्स से लेकर कई लग्जरी गैजेट्स बनाए हैं। ये कंपनी की ‘Bespoke” सीरीज का हिस्सा था।

क्या है खास-

4.55 करोड़ डॉलर (करीब 327 करोड़ रुपए) यह अभी तक बना दुनिया का सबसे महंगा मोबाइल फोन है। इसमें आईफोन-6 के सारे फीचर्स हैं। मोबाइल के महंगे होने की प्रमुख वजह इसके पीछे लगा पिंक डायमंड है। एप्पल लोगो और iPhone एन्ग्रेविंग के बीच लगा ये डायमंड सबसे महंगे हीरों में से एक है। इस फोन की कीमत एक प्लेन से भी ज्यादा है।
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फाइटर प्लेन, प्राइवेट जेट और फरारी कार से ज्यादा थी कीमत-

Sukhoi Su-35(फाइटर प्लेन) की कीमत 40 मिलियन डॉलर है यानी करीब 200 करोड़ रुपए। इसके अलावा, एक प्राइवेट जेट भी इसी रेंज में आ जाएगा। विजय माल्या का प्राइवेट जेट Airbus ACJ 319 भी 40 मिलियन डॉलर का था।

बाकी मॉडल्स- 

फैल्कॉन कंपनी ने पिंक डायमंड के साथ ऑरेंज डायमंड और ब्लू-डायमंड नाम से दो और आईफोन 6 मॉडल्स लॉन्च किए थे। इनकी कीमत 42.5 मिलियन डॉलर (286 करोड़ रुपए) और 32.5 मिलियन डॉलर (219 करोड़ रुपए) थी। 

फोन्स का अनलॉक वर्जन था उपलब्ध-

आईफोन 6 की लॉन्चिंग के समय फैल्कन ने भी अपने सुपर एक्सपेंसिव स्मार्टफोन्स की प्री-बुकिंग शुरू की थी। इस फोन के अनलॉक वर्जन उपलब्ध थे। हालांकि, इस फोन को किसी ने खरीदा या नहीं इसका कोई डाटा उपलब्ध नहीं है।
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कैसे थे फीचर्स- 

इस फोन के सभी फीचर्स आईफोन 6 जैसे ही थे।  खास बात ये है कि फैल्कॉन ने ये दावा किया था कि सुपरनोवा फोन्स खरीदने वाले यूजर्स के कॉल्स, टेक्स्ट और वीडियो चैट किसी भी तरह की जासूसी से सुरक्षित रहेंगे। इस फोन को 128GB मेमोरी वेरिएंट में लॉन्च किया गया था। 

4.7 इंच की स्क्रीन के साथ इस फोन में भी iOS 8 दिया गया है। 1.4 GHz के डुअल कोर प्रोसेसर के साथ ये फोन ग्राफिक्स के लिए PowerVR GX6450 क्वाड-कोर ग्राफिक्स कार्ड इस्तेमाल करता है। जहां आईफोन 6 में 16/64/128 GB के वेरिएंट्स हैं वहीं सुपरनोवा में सिर्फ 128GB वेरिएंट ही है।

सुपरनोवा में भी 8 मेगापिक्सल का रियर ऑटोफोकस कैमरा और 1.2 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। फिंगरप्रिंट सेंसर के साथ इस फोन में बाकी सभी चीजें हैं। 

बॉडी में है अंतर-

इस फोन की बॉडी एल्युमीनियम की जगह प्लैटिनम से बनाई गई थी। एक ये वजह भी है इस फोन की कॉस्ट बढ़ने की। इसे तीन कलर वेरिएंट्स में लॉन्च किया गया था जिसमें रोज गोल्ड, गोल्ड और ग्रे शामिल थे। 
content Source-bhaskar.com

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17.2.20

लड़कियाँ ब्रा क्यों पहनती है?

फ़रवरी 17, 2020 1
लड़कियाँ ब्रा क्यों पहनती है?
आपका हमारे ब्लॉगAll about Facts पर स्वागत है आज के हमारे इस पोस्ट में आपको काफी कमाल की जानकारियां प्राप्त होंगी तो कृपया आप हमारा ये पोस्ट पूरा पढ़ें!

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1.महिला के लिए ब्रा पहनना क्यों जरुरी होता है?

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ब्रा एक अंडर गारमेंट है जिसे महिलाएं स्तनों का आकार सही रखने के लिए पहनती है। अंडरवियर की तरह ब्रा भी एक महत्वपूर्ण अंडर गारमेंट होता है जिसके बिना कपड़ों की फिटिंग अच्छी नहीं आती है।
ब्रा पहनने से महिलाओं को चलने-फिरने, घूमने, दौड़ने और एक्सरसाइज आदि करने में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। ब्रा पहनने के मुख्य मकसद स्तनों को सहारा देना होता है इसलिए महिलाओं को अपने स्तनों के आकार के हिसाब से सही साइज की ब्रा चुननी चाहिए।
स्पोर्ट्स ब्रा इतनी आरामदायक होती है कि स्तनों को सहारा देने के लिए सर्जरी के बाद भी आप इसे पहन सकते हैं। शिशु को जन्म देने के बाद भी महिलाएं स्पोर्ट्स ब्रा पहन सकती है जो कि स्तनों को आराम देती है। स्तनों को सहारा देकर कॉस्मेटिक सर्जरी या चोट लगने के बाद स्तनों को ठीक करने में स्पोर्ट्स ब्रा मदद करती है।

2.ब्रा पहनने का वैज्ञानिक कारण क्या है?

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इस लेख में शायद ऐसे कुछ शब्द हो सकते हैं जो सुनने में अटपटे लगें पर वो सभी शब्द सही हैं और सभी तथ्य रिसर्च करने के बाद ही लिखें गये हैं।

अगर आप एक महिला है तभी आप ब्रा का महत्त्व समझ पाएंगी। क्योंकि हम पुरुषों को इसका कोई महत्त्व समझ नहीं आता। पर ऐसा नहीं है। मैंने ऐसे ही एक दिन इस पर थोड़ा सर्च किया (गूगल पर)।
फिर मुझे कुछ लेख मिले जहाँ पर ब्रा पहनने के कुछ अच्छे और वैज्ञानिक तथ्य दिए गए थे उन्हें ही मैं आपके साथ साझा कर रहा हूँ।

पहला कारण : आत्मविश्वास बढ़ाता है

जी हाँ ! ये महिलाओ के आत्मविश्वास बढ़ाने में काफी मदद करता है। क्योंकि जब भी कोई स्त्री बाहर निकलती है तो उसे अपने कपड़ो को सही ढंग से रखना होता है अन्यथा आज कल के पुरुष उसका वीडियो बनाना कभी नहीं भूलते।

दूसरा कारण : सही आकार मिलता है

ये भी सही है क्योंकि प्रत्येक स्त्री यही चाहती है कि उसके स्तनों का आकार हमेशा सही रहे। अगर कोई लड़की यौवन अवस्था से ही ब्रा का प्रयोग नहीं करेगी तो उसके स्तनों का आकार आवश्कता से अधिक बढ़ जाते है व उनके आकार भी बिगड़ जाते है। इसलिए डॉक्टर भी ब्रा पहनने की सलाह देते हैं।

तीसरा कारण : सुरक्षा प्रदान करता है

कभी कभी किसी कारण महिलाओ के वस्त्र अपनी जगह से थोड़े से हट जाते हैं जिस से उन्हें कभी कभी शर्मिंदा होना पड़ जाता है। इसलिए अगर वे अंदर से ब्रा पहने रहती है तो उन्हें डरने की कोई चिंता नहीं रहती।
शायद मैं गलत भी हो सकता हूँ कृपया मुझे कमेंट में सही सलाह दीजिएगा। मैं उसे अपने उत्तर में जोड़ कर दूंगा।

3.महिलाएं ब्रा नहीं पहनने की मुहिम क्यों चला रही हैं?

Amazing Facts in Hindi

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हिंदुस्तानी समाज में महिलाओं के सिर पर पल्लू और सीने को आंचल से छुपा कर रखना उनकी शराफ़त माना जाता है।
बच्चियों की उम्र बढ़ने के साथ ही उन्हें अहसास कराया जाने लगता है कि वो लड़की हैं, उनमें सेक्शुअल अपील है. मर्दों की नज़रों से बचने के लिए लड़कियों को अपना शरीर ढककर रखना चाहिए।
महिलाओं के संदर्भ में लगभग सारी दुनिया में कमोबेश यही सूरतेहाल है।
सभी समाज पुरुष प्रधान हैं, लिहाज़ा उन्होंने महिला विरोधी क़ानून ही बनाए।यहां तक कि मर्दों ने ये भी तय कर दिया कि औरतें क्या लिबास पहनें।लेकिन अब औरतें अपनी आज़ादी के लिए आवाज़ उठा रही हैं।इस कड़ी में एक नई मुहिम छिड़ी है, 'नो ब्रा मूवमेंट'
दक्षिण कोरिया में इन दिनों हैशटैग #NoBra नाम की मुहिम सोशल मीडिया पर ख़ूब सुर्खियां बटोर रही है। महिलाएं बिना ब्रा के कपड़े पहनकर अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर रही हैं।
इस मुहिम की शुरुआत आख़िर क्यों और कहां से हुई?
दक्षिण कोरिया की महिलाएं इन दिनों अपनी ऐसी तस्वीरें ऑनलाइन शेयर कर रही हैं, जिसमें उन्होंने ब्रा नहीं पहन रखी होती है।#NoBra हैशटैग बहुत बड़ा सोशल मीडिया अभियान बन गया है।
इसकी शुरुआत, दक्षिण कोरिया की गायिका और अभिनेत्री सुली के अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर बग़ैर ब्रा वाली तस्वीर शेयर करने से हुई।

4.लड़कियां क्यों शर्माती हैं?

Amazing Facts in Hindi

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वैसे तो आपका प्रश्न सिर्फ लडकियां ही दे सकती है किन्तु आपके पश्न में त्रुटि है | लड़के भी तो शर्माते है चूकि आपका प्रश्न अलग है तो मुद्दे पर आते है | लडकियां बहुत शालीन होती है और बहुत व्यवहारिक नहीं होने की वजह से संकुचित सी रहती है | डरी सहमी मासूम होना भी वजह है कि वो शर्माती है!



11.2.20

क्या आपको पता है रावण की तलवार का क्या नाम था?

फ़रवरी 11, 2020 0
क्या आपको पता है रावण की तलवार का क्या नाम था?

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1.रावण की तलवार का क्या नाम था?

शिव जी द्वारा रावण को प्रदान की गई इस तलवार का नाम चन्द्रहास था।लेकिन वह सच में तलवार नहीं बल्कि एक खड्ग था जो बहुत भारी था. और रावण ने जानबूझकर इस तलवार का इस्तेमाल राम जी के खिलाफ नहीं किया था!इस तलवार की खासियत यह थी की ये प्रकाश के दिशा को मोड़ सकता था!



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2.कुत्ते की पूंछ टेढ़ी क्यों होती है?

ये वही सवाल है की मनुष्य को सींग क्यों नहीं होता है आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की सभी कुत्ते की पूंछ टेडी नहीं होती है टेडी पूंछ वाले कुत्ते ज्यादातर परिहा कुत्ते होते हैं यानि वे कुत्ते जो हमलोग अपने गली मोहल्ले में देखते हैं शारीरिक सरंचना के हिसाब से हम सभी का गठन हुए है और इसमें हमलोग किस वातावरण में रहते हैं उसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है कुत्ते की टेडी पूंछ की पीछे भी यही कारन है इसलिए कुछ लम्बी पूंछ वाले कुत्ते की नस्ल की पूंछ सीधी होती है और कुछ की टेडी|

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3. पानी का क्या रंग होता है?

आइये जानते हैं पानी का रंग कैसा है। इस दुनिया में बहुत सी रंगबिरंगी चीज़ें हैं जो हमें आकर्षित करती हैं लेकिन पानी ऐसी जरुरी चीज़ है जिसका कोई रंग ही नहीं होता है। बेरंग होते हुए भी पानी हमारी लाइफ का एक बहुत अहम हिस्सा होता है जिसके बिना जीवन संभव नहीं है।
वैसे तो पानी का कोई रंग नहीं होता है लेकिन पानी के लिए ये कहना सही होगा कि ‘जैसा देश वैसा भेष’ क्योंकि पानी जिस चीज़ के साथ मिलता है उसके जैसा ही रंग अपना लेता है।
पानी जब कम मात्रा में होता है तो बेरंग दिखाई देता है और शुद्ध पानी हल्का नीला होता है लेकिन जब पानी का स्तर बहुत बढ़ जाता है तो ये गहरा नीला दिखने लगता है।
पानी नीला दिखने का कारण इसमें मौजूद चयनात्मक अवशोषण का गुण है और सफेद प्रकाश के बिखरने से भी पानी का रंग हमारी आँखों को नीला दिखाई देता है लेकिन जब पानी अशुद्ध होता है तो उसके रंग बदल जाते हैं।


YouTube का लोगो लाल ही क्यों है?
Amazing facts in hindi
Raat me Laash ko akela kyu nhi choda jata?

4.YouTube का लोगो लाल ही क्यों है?

इसकी कोई खास वज़ह नहीं है इसका कारण यही है कि जिसने YOUTUBE के LOGO को डिजाइन किया होगा उनको बाकी रंगों के मुकाबले यह ज्यादा आकर्षक लगा होगा।

इसका यह भी कारण है की लाल रंग अग्रेसिव रंग होता है ये आँखों को जल्दी अट्रैक्ट करता है इसी वजह से लोगो Designers ने इसका रंग लाल रखा होगा!


Amazing Facts in Hindi
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5.किस जन्तु का खून हरे रंग का होता है?

ऑक्टोपस का खून हरा होता हैं
और उसका खून हरा क्यों होता हैं ये जानने से पहले हमें ये जानना होगा कि हमारा खून लाल क्यों होता हैं ?
हमारे खून में हीमोग्लोबिन होता हैं जिसमे आयरन/लोहा ज्यादा मात्रा में होता हैं । जब हम श्वसन के द्वारा ऑक्सिजन अंदर लेते हैं तो वो आयरन के साथ रिएक्शन/अभिक्रिया करके लाल रंग देती हैं ।
अब सोचो कि हीमोग्लोबिन में आयरन के बदले कॉपर ज्यादा मात्रा में हो तो ? तो हमारे खून का रंग हरा होगा क्योंकि कॉपर ऑक्सिजन के साथ रिएक्शन करके हरा रंग देता हैं ।
इस दुनिया मे बहुत ऐसे जीव हैं जिनके हीमोग्लोबिन में कॉपर ज्यादा मात्रा में होता हैं और उनका खून हरा होता हैं जैसे कि समुद्र में पाया जाने वाला ऑक्टोपस

9.2.20

लोग शराब क्यों पीते हैं? Amazing Facts in Hindi

फ़रवरी 09, 2020 0
लोग शराब क्यों पीते हैं? Amazing Facts in Hindi

आपका हमारे ब्लॉग All about Facts पर स्वागत है आज के हमारे इस पोस्ट में आपको काफी कमाल की जानकारियां प्राप्त होंगी तो कृपया आप हमारा ये पोस्ट पूरा पढ़ें!

लोग शराब क्यों पीते हैं? Amazing Facts in Hindi

क्या आप जानना चाहेंगे लोग शराब क्यों पीते हैं? क्या मजा आता हैं शराब पीने में लोगो को 
चलिए जानते हैं हमरे इस पोस्ट के जरिये !
लोग शराब क्यों पीते हैं? Amazing Facts in Hindi

लोग शराब क्यों पीते हैं? Amazing Facts in Hindi


लंदन के वैज्ञानिको ने 663 लोगो पर शोध करके पता लगाया की लोग शराब क्यों पीते हैं?
कुछ ऐसे होते हैं जो पैग दर पैग पीने के बाद भी अपना होश नहीं गंवाते हैं. कुछ ऐसे लोग होते हैं जो शराब का सेवन करते ही 'आनंद लोक' में पहुंच जाते हैं. हर एक घूंट उनकी ख़ुशी को बढ़ाने लगती है.
क्या आपने कभी सोचा है कि इन लोगों का व्यवहार ऐसा क्यों होता है? अब पहली बार ये बात सामने आई है कि ऐसे लोगों में एक ख़ास तरह की समानता होती है.
इस बारे में शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने पहली बार माना है कि कुछ लोगों में एक ख़ास तरह का जीन मौजूद होता है जिसके चलते वह कहीं ज़्यादा पीते हैं.
प्रोसेडिंग ऑफ़ द नेशनल अकादमी ऑफ़ साइंस (पीएनएएस) जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक़ आरएएसजीआरएफ़-2 नामक जीन पीने की लत को प्रभावित करता है.
लंदन के किंग्स कॉलेज के विशेषज्ञों ने पाया है कि जिन सजीवों में यह जीन नहीं होता है, उसमें शराब पीने की इच्छा कम होती है.
लोग शराब क्यों पीते हैं? Amazing Facts in Hindi

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ख़ास जीन का शराब की लत से रिश्ता

इन विशेषज्ञों ने 663 बच्चों के मस्तिष्क का अध्ययन किया है जिसमें यह सामने आया है कि यह ख़ास जीन डोपामाइन के प्रवाह को बढ़ा देता है. डोपामाइन ऐसा रसायन है जो मानव मस्तिष्क में आनंद और ख़ुशी को नियंत्रित करता है.
लगभग 14 साल के इन बच्चों को कुछ इस तरह के काम दिए गए जिससे मस्तिष्क का वेंट्रल स्ट्रेटम वाला हिस्सा ज़्यादा सक्रिय हो, क्योंकि यह हिस्सा डोपामाइन निकालता है.
दो साल बाद जब ये बच्चे 16 साल के हुए तब विशेषज्ञों की टीम ने इनके शराब सेवन की आदतों के बारे में आंकड़े जुटाए और पाया कि जिन बच्चों में आरएएसजीआरएफ़-2 जीन था, वह कहीं ज़्यादा सहजता से पी रहे हैं.
नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक़ बिंज ड्रिंकिंग का मतलब वैसी शराबनोशी है जिसमें आप थोड़े समय में काफ़ी ज़्यादा शराब पीते हैं और नशे में आ जाते हैं.
लंदन के किंग्स कॉलेज के प्रमुख विशेषज्ञ प्रोफेसर गुंटर स्कूमान ने बताया कि अब तक इस पहलू के पूरे सबूत नहीं मिले हैं कि इस ख़ास जीन के चलते ही लोग जमकर शराबनोशी करते हैं क्योंकि यह कई अन्य कारकों और दूसरे जीनों पर भी निर्भर करता है.
गुंटर स्कूमान के मुताबिक़ इस नतीजे से यह ज़रूर पता लगाने में मदद मिलेगी कि कुछ लोग पीने के लिए कुछ ज़्यादा ही क्यों मचलते हैं.
लोग शराब क्यों पीते हैं? Amazing Facts in Hindi

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गुंटर ने कहा, “कुछ लोगों में शराब के लिए हद से ज़्यादा लालच क्यों होता है, इसका पता चला है. इस ख़ास जीन के चलते लोग शराब पीने के बाद ज़्यादा आनंद महसूस करते हैं.”
गुंटर के मुताबिक़, ''हमने इस पूरे मसले को समझा है. किस तरह से यह जीन इंसानों के दिमाग़ पर असर डालता है और उससे कैसे मानव व्यवहार प्रभावित होता है.”
उन्होंने बताया, “हमने पाया है कि आरएएसजीआरएफ़-2 जीन शराब पीने के बाद मस्तिष्क से निकलने वाले डोपामाइन को नियंत्रित करता है और इससे इंसान आनंद का अनुभव करता है.”
गुंटर ने यह भी स्पष्ट शब्दों में बताया, “अगर किसी इंसान में आरएएसजीआरएफ़-2 जीन मौजूद है तो निश्चित तौर पर शराब पीना आपके आनंद को कई गुना बढ़ा देगा और आप आला दर्जे के पियक्कड़ हो सकते हैं.”
लोग शराब क्यों पीते हैं? Amazing Facts in Hindi

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शराब की लत छुड़ाने में मिलेगी मदद

हालांकि गुंटर यह कहते हैं कि इस सिद्धांत को साबित करने की दिशा में अभी काफ़ी काम करने की ज़रूरत है क्योंकि इस शोध में अभी महज़ किशोरा अवस्था के कुछ बच्चे ही शामिल थे.
गुंटर ये भी बताते हैं कि भविष्य में यह संभव है कि जीन टेस्ट के ज़रिए यह पता लगाया जा सकता है कि क्या उस इंसान में शराब की लत लगने का ख़तरा है.
इस नतीजे से चिकित्सकों को नई दवा विकसित करने में भी मदद मिलेगी. अगर शराब पीने से आनंद के भाव पर अंकुश लगाया जा सकता है, तो यह दवा शराब की लत को छुड़ाने में ज़्यादा कारगर होगी.
अकेले ब्रिटेन में हर साल पांच हज़ार से ज़्यादा किशोर शराब के सेवन के चलते अस्पताल पहुंच रहे हैं.
मेडिकल काउंसिल ऑन एल्कोहल के डॉ. डोमिनिक फ्लोरिन ने कहा, “कोई भी अध्ययन जो हमारी समझ को बढ़ाती है, वह उपयोगी है.”
फ्लोरिन ने कहा, “यह संभव है कि शराब की लत का जीन से संबंध हो, लेकिन आप यह नहीं कह सकते हैं कि अगर आप में ये जीन है तो आपको शराब का सेवन नहीं करना चाहिए और अगर ये जीन मौजूद है तो आप पी सकते हैं.”

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