मोहनजोदड़ो और सिंधु घाटी के बारे में 8 रोचक तथ्य by aafhindi.online
क्या आप जानते हैं मोहनजोदड़ो के बारे में क्या आपको पता है यह सबसे पुरानी सभ्यता है अगर आपको मोहनजोदड़ो और सिंधु घाटी के बारे में सब कुछ जानना है तो पढ़िए हमारी यह पोस्ट जिसमें हमने 8 ऐसे रोचक तथ्यों के बारे में बताया है जो मुश्किल से ही किसी को पता होगी।।
1. दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता
आईआईटी खरगपुर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के वैज्ञानिकों ने हाल ही में सबूतों का खुलासा किया है कि सिंधु घाटी सभ्यता कम से कम 8,000 साल पुरानी है
और पहले की तरह 5,500 साल पुराने नहीं रह गई।
25 मई 2016 को प्रतिष्ठित नेचर पत्रिका में प्रकाशित यह खोज ना केवल मिश्र और मेसोपोटामिया की सभ्यताओं की तुलना में पुरानी है बल्कि दुनिया में सबसे पुरानी भी हैं।।
2. पेचीदा लिपि
दुनिया के सभी लिपियों में सबसे पेचीदा, सिंधु लिपि आंशिक रूप से चित्रात्मक संकेतों और विभिन्न मानव और पशु और उपायों से बनी है। यह लघु नाट्य मोहरों, टेराकोटा और कभी-कभी धातु पर अंकित किए गए हैं।
भाषाई विशेषज्ञ और वैज्ञानिक दशकों से इस चुनौतीपूर्ण लिपि को समझने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि इसमें इस रहस्यमई संस्कृति के रहस्यों की कुंजी छुपी हो सकती है।।
3.हड़प्पा के विशाल धान्यागार
हड़प्पा में कई धान्यागार(अनाज रखने की जगह) के साक्ष्य ठोस ईंट की नीव वाली विशाल इमारते हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और राखीगढ़ी की खुदाई में पाए गए हैं।
सभी अनाजगार नदी तट के करीब बनाए गए थे ताकि नाव की मदद से अनाज आसानी से ले जाया जा सके।।
4. खेल और खिलौने
साक्ष्य बताते हैं कि सिंधु घाटी सभ्यता के लोग खेल और खेल लोगों ने पसंद करते थे उत्कीर्ण ग्रिड चिन्हों और खेलने के टुकड़ों के साथ सपाट पत्थर पाए गए हैं, जो दर्शाता है कि सिंधु के लोगों ने शतरंज के शुरूआती रूप को खेला हो।
हड़प्पा में खुदाई के दौरान 6 तरफ वाला पास भी पाया गया है जो दर्शाता है कि उन्होंने पाशा का आविष्कार भी किया होगा।।
5. नगरिया व्यवस्था
सुव्यवस्थित सड़कें और एक विस्तृत जल निकासी प्रणाली संकेत देती है कि प्राचीन सिंधु सभ्यता के रहने वाले लोग कुशल नगरिया योजनाकार थे जो पानी के प्रबंधन को महत्व देते थे पूरे नगर में कुएं भी पाए गए हैं और लगभग हर घर में एक स्पष्ट रूप से सीमांकित स्नानघर और एक जल निकासी प्रणाली पाई गई है।।
6. मूर्तियां
खुदाई में कुछ विशिष्ट मूर्ति भी मिली जो टेराकोटा और कांस्य इत्यादि से निर्मित है जो उस समय कुशल शिल्प कौशल की उपस्थिति दर्शाती है जिससे जाहिर होता है कि वह लोग भगवान की पूजा भी किया करते थे और काफी श्रद्धा से करते थे।।
7. देवी मां की पूजा
यहां व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है कि हड़प्पा के लोग अन्य प्रतीकों के अलावा एक देवी की भी पूजा करते थे लगभग हर खुदाई स्थल से बड़ी संख्या में देवी-देवताओं की मूर्तियां की बरामदगी से पता चलता है की देवी मां की पूजा सभ्यता में व्यापक और लोकप्रिय थी।।
8. खुदाई में मिले जेवर
हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की खुदाई में हमें उस समय के जेवर भी काफी मिले और जेवर भी काफी मजबूत और अच्छे दिखते थे जिससे साफ पता चलता है कि वहां लोग जेवर बनाने की जानकारी रखते थे।।
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यह पोस्ट पढ़ने के लिए धन्यवाद आपका दिन सुभमंगल हो।।
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